
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को गोलकुंडा किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में केंद्र सरकार से एक बड़ी मांग रखी। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा द्वारा पारित दो महत्वपूर्ण BC आरक्षण विधेयक अब राष्ट्रपति की मंजूरी के इंतज़ार में हैं।
क्या हैं ये विधेयक?
ये विधेयक राज्य के स्थानीय निकायों, शिक्षा और नौकरियों में पिछड़े वर्गों को 42% आरक्षण देने से संबंधित हैं। रेवंत रेड्डी का कहना है कि यह राज्य में सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम है और केंद्र को इसे मंजूरी देने में देरी नहीं करनी चाहिए।
“मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वे लंबित बिलों पर जल्द से जल्द निर्णय लें और पिछड़े वर्गों को उनका हक़ दिलाएं,” – रेवंत रेड्डी
जाति सर्वे और सामाजिक वर्गीकरण – Bold Moves!
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में जातिगत सर्वेक्षण और अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण को सरकार के अब तक के “सबसे साहसी निर्णयों” में बताया। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि राज्य सरकार सामाजिक संतुलन और समावेशन की नीति पर काम कर रही है।
2035 तक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य
रेवंत रेड्डी यहीं नहीं रुके। उन्होंने तेलंगाना के लिए एक बड़ा आर्थिक विजन भी पेश किया –

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2035 तक $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था
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2047 तक $3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था
यह विजन राज्य को राष्ट्रीय आर्थिक रेस में सबसे आगे ले जाने की दिशा में एक मजबूत संकेत देता है।
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